लेखनी प्रतियोगिता -27-Jun-2022 द्रौपदी मूर्मु बनी लोह महिला
रचयिता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-द्रोपदी मूर्मु बनी लोह महिला
20 जून 1958 को ओडीशा में जन्मी
द्रोपदी मूर्मु कहलाई लोह महिला
द्रोपदी मूर्मु को भाजपा ने चुना
राष्ट्रपति बनकर करे भारत का विकास
आदिवासियों के समूह से निकलकर आज
लेकर मकसद आज विशाल
लेकर हाथ में चल पड़ी मिसाल
आगे बढ़ चली द्रोपदी मूर्मु
ओडीशा देश की है निवासी
झेली उसने विकट परिस्थिति
आर्थिक स्थिति थी उसकी विपत्ति
रास्ते मे थे बड़े कठिन सफर
फिर भी करती रही जिंदगी में संघर्ष
बहुत कुछ किया सहन
बहुत कुछ खोया अपने जीवन में
आज कहलाई लोह महिला
पति और बेटे की हुई मृत्यु अकाल
ना रहा उसका परिवार
दुःख ना झेल सकी हो गया अवसाद
ब्रह्मकुमारी आश्रम में ली पनाह
नहीं प्रेरणा का हुआ मन में जागृत
मिली वहां पर एक नयी राह
समाज सेवा, राष्ट्रवाद ,देशभक्ति का उठा भाव
लेकर चली द्रोपदी मूर्मु मिसाल
बनाई राजनीति में अपनी मिसात
उड़ीसा की पहली बनी नेत्री महिला
2015 से 20 21 बना साल ऐतिहासिक
ओडीशा की बनी पहली महिला
आदिवासी व राज्यपाल की चुनी गई पहली महिला
2010- 13 में मयूरभंज की बनी जिला अध्यक्ष
द्रौपदी मुर्मू ने संभाला अपना पद वहन
बखूबी निभाया अपना कार्यकरण
बनी थी वह सर्वश्रेष्ठ विधायक
2007 में नवाजा उन्हें नीलकंठ अवार्ड
अगर राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू बन जाती
पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति कहलाती
महिला राष्ट्रपति में बना उसका दूसरा स्थान
आदिवासी नारी बनी भारत का गौरवान्वित
लिखा जाएगा यह इतिहास
होगा इससे एक नया विकास
Punam verma
28-Jun-2022 08:38 AM
Nice
Reply
Abhinav ji
28-Jun-2022 07:49 AM
Very nice👍
Reply
Gunjan Kamal
28-Jun-2022 12:54 AM
शानदार प्रस्तुति 👌
Reply